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चंपारण सत्याग्रह 1917 , अहमदाबाद मिल हड़ताल 1918 और खेरा सत्याग्रह 1918

 चंपारण सत्याग्रह 1917 , अहमदाबाद मिल हड़ताल 1918 और खेरा सत्याग्रह 1918

          गांधी जी द्वारा किए गए प्रमुख आंदोलन :-


        चंपारण सत्याग्रह 1917 : प्रथम सविनय अवज्ञा आंदोलन ,


मुद्दे :-

          चम्पारण में ब्रिटिश व्यापारीयों एवं जमींदारों के द्वारा जबरन नील की खेती कराना तथा अवैध वसूली करना | यह तिनकाठिया पद्धति के नाम से जानी जाती थी। 

घटनाक्रम :-

                     राज कुमार शुक्ल की आग्रह पर गांधी जी चम्पारण पहुँचे । चम्पारण के कमिसनर ने गांधी जी को चम्पारण छोड़ने का आदेश दिया, गांधी जी ने आदेश मानने से इंकार किया और लगभग 800 किसान से बातचीत के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार किये । किसानो की समस्याओं के लिए एक आयोग का गठन, गांधी जी भी इस आयोग के सदस्य, आयोग की अनुसंसार पर 1918 में चम्पारण एग्रेरियन Act (कृषक अधिनियम) पारित हुआ। जबरन नील की खेती को प्रतिबंधित किया गया, तथा अवैध वसुली का 25% किसानो को लेटाया गया। इसके एक दशक के भीतर ही बागान मालिकों ने चम्पारण छोड़ दिया। इस प्रकार गांधीजी ने भारत में सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रथम युद्ध सफलतापूर्वक जीत लिया। चम्पारन सत्याग्रह से सम्बद्ध अन्य लोकप्रिय नेताओं में अनुग्रह नारायण सिन्हा, रामनवमी प्रसाद एवं शंभुशरण वर्मा शामिल थे।

  


सह‌योगी :-

                  राजेन्द्र प्रसाद, आचार्य जे.बी. कृपलानी, मजहरूल हक, ब्रजकिशोर प्रसाद, महादेव देशाई, नरहरि पारिख इत्यादि ।


                                 अहमदाबाद मिल हड़ताल 1918 : प्रथम भूख हड़ताल,


मुद्दा:-

             प्लेग बोनस को लेकर पूंजीपतियो या उद्योगपतियों तथा मजदूरों के बिच विवाद।

घटनाक्रम:-

                  मजदुर बढी हुई मजदूरी का 50% बनाये रखने की मांग वहीं पूंजीपती 20% देने को तैयार, दोनो पक्षों ने गांधी जी से मध्यस्ता को कहा। गांधी जी ने 35% की मांग की और मजदूरो के समर्थन में भूख हरताल किया (भारत में गांधी जी का प्रथम भूख हड़ताल था।)

अंतत: पूंजीपति गांधी जी के प्रस्ताओं हे सहमत ।



सह‌योगी:-

                 अनुसूइया साराभाई (अंबालाले साराभाई)


                                          खेरा सत्याग्रह 1918 : प्रथम असहयोग


मुद्दा:- 

           सूखे के कारण फसलो का नुकसान तथा प्लेग एवं महंगाई के कारण किसानो की दशा दैनीय राजस्व कानून में यह प्रविधगन था यदि उपज 25% से कम होगी तो सरकार भू-राजस्व नहीं वसुलेगी । 


घटनाक्रम:-

                    मोहन लाल पांड्या नामक स्थानिय किसान नेता करो से राहत की मांग कर रहे थे सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी, तथा गुजरात सभा (1918 में अध्यक्ष गांधी जी थे ) के द्वारा भी भू-राजस्व में राहत की मांग की गई। गांधी जी के किसानों को कर न देने को कहा अंतत: सरकार ने एक आदेश जारी किया कि जो सक्षम नहीं है उनसे भू-राजस्व नहीं वसूला जाए। 


सहयोगी:-

                  बलभ भाई पटेल, इन्दुलाल याज्ञनिक


गांधी जी द्वारा किए गए प्रमुख आंदोलन :- 


  चंपारण सत्याग्रह 1917 , अहमदाबाद मिल हड़ताल 1918 और खेरा सत्याग्रह 1918


https://www.missionupsce.in/2021/08/Champaran-khera-Satyagraha-1917-1918.html



रॉलेट एक्ट , रॉलेट सत्याग्रह तथा जालियांवाला बाग हत्याकांड-1919


https://www.missionupsce.in/2021/08/Rowlatt-Act-Jallianwala-Bagh-Massacre.html



 खिलाफत एवं असहयोग आंदोलन : प्रथम जन आंदोलन


https://www.missionupsce.in/2021/08/Khilafat-Movement.html



चंपारण सत्याग्रह 1917 : प्रथम सविनय अवज्ञा आंदोलन ।


https://www.missionupsce.in/2021/08/Champaran-khera-Satyagraha-1917-1918.html



अहमदाबाद मिल हड़ताल 1918 : प्रथम भूख हड़ताल :-


https://www.missionupsce.in/2021/08/Champaran-khera-Satyagraha-1917-1918.html



 खेरा सत्याग्रह 1918 : प्रथम असहयोग


https://www.missionupsce.in/2021/08/Champaran-khera-Satyagraha-1917-1918.html



चंपारण सत्याग्रह 1917 , अहमदाबाद मिल हड़ताल 1918 और खेरा सत्याग्रह 1918

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चंपारण सत्याग्रह 1917 , अहमदाबाद मिल हड़ताल 1918 और खेरा सत्याग्रह 1918

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