Facebook SDK

 

1   आत्मनिर्भरता की नींव बनता कौशल कार्यक्रम।


Ans:- भारत एक युवा राष्ट्र है । यहां युवा जनशक्ति सबसे बड़ा वर्ग है । कौशल एक ऐसा साधन है जो देश के इस सबसे बड़े वर्ग के रूप में युवाओं को उत्पादक और सशक्त बनाने की क्षमता रखता है । जब हम कौशल विकास के माध्यम से सशक्तीकरण की बात करते हैं तो केवल व्यक्ति नहीं , पूरे समाज को सशक्त बनाने की बात करते हैं । यह सशक्तीकरण हमारे देश के नागरिकों को एक बेहतर कल देने के साथ ही एक आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक है । सरकार , उद्योग जगत और शैक्षणिक समुदाय के संयुक्त प्रयासों द्वारा हम सभी इस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं । चूंकि कोरोना महामारी से उबरने के बाद विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं द्वारा वैश्विक बाजार में मांग और अवसर बढ़ेंगे इसलिए हमारा प्रयास है कि हम युवाओं को उनकी कौशल और प्रतिभा के अनुसार वैश्विक जगत के लिए पूरी तरह से तैयार कर सकें । 
                                                                         श्रम - आधारित अर्थव्यवस्था को कौशल - आधारित अर्थव्यवस्था में बदलना हमारा लक्ष्य है । युवाओं को कुशल बनाना और फिर उन्हें नया कौशल देने पर तेजी से काम हो रहा है । आत्मनिर्भर भारत की सफलता युवा - जनशक्ति की आकांक्षाओं पर निर्भर करती है । नौकरी पाने की अपेक्षा नौकरी देने की मानसिकता के साथ ही उनकी उद्यमशीलता इस मिशन को ऐतिहासिक सफलता दिला सकती है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच वर्ष पहले राष्ट्र के आर्थिक विकास को गति देने में कुशल कार्यबल की भूमिका को समझते हुए स्किल इंडिया मिशन की शुरुआत की थी । यह एक मिशन न होकर भारत को आर्थिक पथ पर सशक्त करने वाला आंदोलन है । कुशल भारत की नींव द्वारा ही आत्मनिर्भर भारत की मजबूत इमारत खड़ी की जा सकती है । एक करोड़ से अधिक लोग सालाना स्किल इंडिया मिशन से जुड़ रहे हैं । इस मिशन के फ्लैगशिप कार्यक्रम प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना द्वारा अब तक 92 लाख से अधिक लोग प्रशिक्षित किए जा चुके हैं । कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय प्रशिक्षण भागीदारों के साथ काम कर देश भर में 700 से अधिक जिलों में 26,000 से प्रशिक्षण केंद्रों का मजबूत नेटवर्क स्थापित करते हुए कौशल विकास की योजनाओं और नीतियों पर तेजी से काम कर रहा है ।प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना , प्रधानमंत्री कौशल केंद्र , राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना ने लोगों को कुशल और उत्पादक बनाने के साथ ही उनमें एक आत्मविश्वास भरा है । अपेंटिसशिप कार्यक्रम से अनेक बड़े अवसर पैदा हुए हैं । अनेक बड़े कॉरपोरेट्स ने स्थायी कर्मचारियों के रूप में अप्रैटिस को रोजगार दिया है । ई - स्किल ऑनलाइन कोर्सेज के माध्यम से 500 से अधिक पाठ्यक्रम जोड़े गए हैं । लॉकडाउन के दौरान ई - स्किल के पाठ्यक्रमों में नामांकन बढ़े हैं और संख्या दस हजार से बढ़कर सवा दो लाख के पार हो चुकी है । महामारी के पहले जो ऑनलाइन कोर्सेज होते थे उनकी मांग और बढ़ी है । जन शिक्षण संस्थानों में पिछले एक वर्ष में चारलाख से भी अधिक लाभार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है । हमारा प्रयास है कि हर जिले में एक जन शिक्षण संस्थान अवश्य स्थापित किया जाए । युवाओं को वैश्विक बाजारों में रोजगार के अवसर देने के लिए अंतरराष्ट्रीय कौशल केंद्र भी स्थापित किए गए हैं । आइआइटी और आइआइएम की तर्ज पर कौशल विकास संस्थानों का शिलान्यास गांधीनगर और मुंबई में किया गया है । इन संस्थानों से युवा अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण प्राप्त कर वैश्विक बाजार में हुनर दिखने के लिए तैयार किए जाएंगे ।


                         गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत हमने 116 जिलों में बड़े पैमाने पर स्किल मैपिंग कार्यक्रम शुरू किया है । इस कार्यक्रम के माध्यम से कोरोना महामारी के कारण वापस लौटे श्रमिकों को गांव में ही उनके आसपास रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है । इन श्रमिकों को काउंसिलिंग , अप - स्किलिंग और री - स्किलिंग की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी ताकि यदि वे वापस अपने काम पर जाना चाहें तो उनके पास बाजार की मांग के अनुसार कौशल हो । इसी क्रम में स्किल इंडिया ने उद्योग क्षेत्रों में कुशल कार्यबल की मांग एवं आपूर्ति के अंतर को पाटने के लिए एआइ आधारित आत्मनिर्भर स्किल्ड एंप्लाई - एंप्लायर मैपिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म लांच किया है । इसके जरिये युवा खुद को रोजगार के लिए रजिस्टर कर पाएंगे और कंपनियां अपनी स्किल्ड वर्कफोर्स की मांग को साझा कर सकेंगी । हमने बाहरी देशों से लौटने वाले नागरिकों की स्किल मैपिंग करने के लिए स्वदेश यानी स्किल्ड वर्कर्स अराइवल डाटाबेस फॉर एंप्लायमेंट सपोर्ट नामक पहल भी की है । आइटीआइ संस्थानों को भी एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास हो रहा है ।

                            कोविड -19 महामारी से लड़ने में आइटीआइ और एनएसटीआइ द्वारा कई इनोवेशन भी हुए हैं । लो - कॉस्ट रोबोट , फेसशील्ड , एयरोसॉल बॉक्स , स्वैब टेस्टिंग के लिए मोबाइल क्यूबिल , यूवी सैनिटाइजर बनाए गए हैं । कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय पीएमकेवीवाई के साथ कार्य कर रहा है और कुछ अहम बदलावों एवं सुधारों के साथ पीएमकेवीवाई 3.0 योजना लांच करने को तैयार है । यह योजना सामाजिक और आर्थिक समूहों पर केंद्रित होगी । कोरोना महामारी के बाद भारत के पास एक ऐसी कौशल आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करने का अवसर है जो दुनिया के लिए लाभकारी और आकर्षक हो सकती है । आज विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर स्किल इंडिया मिशन के पांच वर्ष पूरे हो रहे हैं । हमें विश्वास है कि युवा कौशल राष्ट्रहित में महत्वपूर्ण योगदान देगा और एक नया भारत बनाएगा , जिसे हम आत्मनिर्भर भारत कहेंगे ।


आत्मनिर्भरता की नींव बनता कौशल कार्यक्रम।,atmnirbhar bharat,atmnirbharta kya hai,

आत्मनिर्भरता की नींव बनता कौशल कार्यक्रम।,atmnirbhar bharat,atmnirbharta kya hai,

Post a Comment

Previous Post Next Post